1 रिक्त स्थानों को भरें
1 भारत यूरोप के बीच स्थल मार्ग में होने वाले व्यापार में और( अरब सौदागरों) महत्वपूर्ण भूमिका की थी।
2 कंपनी द्वारा खरीदा गया माल (फैक्टरी )में रखा जाता है में रखा जाता था।
3 एक के बाद एक कई लड़कियों में मराठों को (कमजोर) कर दिया।
4 (शुजाउद्दौला और शाह आलम ने )अंग्रेजों के साथ सबसे पहले सहायक संधि को स्वीकार किया।
5 (अंग्रेजों) ने विलय नीति का अनुसरण किया।
2 सही और गलत बताइए।
1 यूरोप के व्यापारी भारत में अपना माल बेचने और बदले में यहां से सोना चांदी लेना आए थे(×)
2 ईस्ट इंडिया कंपनी को भारत में व्यापार करने का एकाधिकार मिल गया(√)
3 भारतीय राज्य एकता के अभाव में एक- एक कर कर अंग्रेजी शासन के अधीन होते चले गए(√)
4 कर मुक्त व्यापार से बंगाल के राजस्व का काफी नुकसान हो रहा था (√)
5 कंपनी की सेना की जीत हुई क्योंकि उनके पास भारतीय सेनाओं से बेहतर तोपें और बंदूक थीं(√)
1 यूरोप की व्यापारिक कंपनियों ने क्यों भारत के राजनीतिक मामलों में हस्तक्षेप करना शुरू किया।
उत्तर:- यूरोप के व्यापारिक कंपनियों का मुख्य उद्देश्य व्यापार करना था। करों में छूट प्राप्त करने के लिए और राज्यों में व्यापार का अधिकार प्राप्त करने के लिए उन्होंने राजनीतिक क्षेत्र में सुविधाएं मिल रही थी। अतः उन्होंने अपने लिए अधिक सुविधा पाने के क्रम में राजनीतिक अनुकंपा प्राप्त करने की कोशिश की। भारतीय राज्य एक दूसरे से लड़ने में मशगूल थे और उन्हें फूट डालो और राज करो की नीति अपनाई इस स्थिति का लाभ उठाकर उन्होंने भारत में राजनीतिक मामलों में भी हस्तक्षेप करना शुरू किया जिसे राजनीतिक सत्ता पर पकड़ बहुत ही मजबूत हो गई और अधिक से अधिक व्यापारिक सुविधाएं उन्हें प्राप्त हो गई।
2 अंग्रेज बंगाल पर क्यों अधिकार करना चाहते थे।
उत्तर:- उस समय बंगाल एक बड़ा शक्तिशाली प्रांत है इसमें आधुनिक बिहार और उड़ीसा भी शामिल थे बंगाल पर अधिकार प्राप्त करने का अर्थ था कि वहां यूरोपीय कंपनियों को व्यापार में सुविधा होती और अधिक मुनाफा कमाने के लिए बंगाल पर राजनीतिक अधिकार प्राप्त करना अंग्रेजों के लिए बहुत ही आवश्यक था। ऐसी स्थिति पाने का अर्थ हैं। कि कंपनी राज्य में जो भी माल बिना कर के व्यापार कर सकते थे। अतः इन्हें व्यापारिक कारणों से अंग्रेज बंगाल पर अधिकार करना चाहते थे।
3 क्यों और किन परिस्थितियों में भारतीय शासकों ने सहायता संधि की शर्तों को स्वीकार किया।
उत्तर:- 1707 ई. में औरंगजेब की मृत्यु के बाद कई नए स्वतंत्र क्षेत्रीय राज्यों का उदय हुआ इसमें आपसी तालमेल का अभाव था।
हर - राज्य दूसरे राज्य को हरना और अधिकार प्राप्त करना चाहते थे और सीमा का विस्तार चाहते थे ।
उनमें एकता का भी अभाव देखने को मिला था अंग्रेजों ने उसे अपने आधुनिक सैन्य सहायता देना चाहते थे ताकि वह पड़ोसी राज्यों को लगाकर आसानी से जीत सके इसमें में अंग्रेजों की एक निजी स्वार्थ था।
जो कि भारतीय शासकों को इनमें अपना लाभ देख रहे थे।
उनके राज्य क्षेत्र का विस्तार होता था साथ अंग्रेज उनके खिलाफ दूसरे राज्य को मदद कर देते थे अप्रत्यक्ष रूप से उस राज्य पर कब्जा कर लेते थे हर परिस्थिति में भारतीय शासकों को अंग्रेजों की सहायक संधि और शर्तों को स्वीकार करना ही पड़ता था।
4 प्लासी और बक्सर के युद्ध में आप किस निर्णायक मानते हैं और क्यों?
उत्तर:- जून 1757 में मुर्शिदाबाद के पास पलासी में बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के करीब 30,000 सिपाही और अंग्रेजी सेना के बीच युद्ध हुआ ।
बिना कोई कर दिए बंगाल में व्यापार करने का शाही फरमान अंग्रेजों ने 1717 इसमें में मुगल सम्राट फारुखसियर से प्राप्त कर लिया था। जिससे बंगाल के राजस्व में काफी क्षति हो रही थी।
मीरजाफर ने भी जब कंपनी की अनीतियों का विरुद्ध किया तो उसे हटाकर अंग्रेजों ने उसके दामाद मीरकासिम को 1760 में बंगाल का नवाब बना दिया बाद में वही भी अंग्रेजों को गलत नीतियों के खिलाफ हो गया उसने मुगल शासक शाह आलम और अवध के नवाब सिराजुद्दौला के साथ मिलकर अंग्रेजो के खिलाफ की।
तीनों की संयुक्त सेना की कंपनी की सेना के साथ पश्चिम बिहार के बक्सर नामक स्थान में 1764 ई में युद्ध हुआ जिसमें भारतीय सेनाओं की हार हो गई इस हार के पश्चात 1765 में शुजाउद्दौला और शाह आलम को इलाहाबाद में क्लाइव के साथ समझौते पर हस्ताक्षर किया।
समझौते के अनुसार ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल बिहार उड़ीसा की दीवानी मिल गई।
इससे उन्हें अत्यधिक व्यापारिक लाभ प्राप्त हुआ
धीरे-धीरे पूरे भारत के आर्थिक संसाधनों पर अपना कब्जा जमाने के प्रयास में ईस्ट इंडिया कंपनी लग गई।
हम कह सकते हैं कि प्लासी की अपेक्षा बक्सर का युद्ध अंग्रेजों के लिए निर्णायक था यही वह पूरे भारत का अपना अधिकार जमाने में सफल हुए बक्सर का युद्ध अधिक निर्णायक था।
Vikram kumar
New education point