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संचार का माध्यम और विज्ञापन!

संचार का माध्यम कुछ भी हो सकता है, उससे पहले हम इसे यहां समझने की कोशिश करेंगे ,कि संचार क्या है! संचार का अर्थ होता है, माध्यम जो कि किसी भी व्यक्ति या पत्र-पत्रिका या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम भी हो सकता है, लेकिन पहले के काल में ये  व्यवस्था नहीं थी संचार का माध्यम लोग होते थे! सबसे पहले लोगों के द्वारा कुछ उपयोगी उपायों से संचार होता था! पहले लोग डुगडुगी बजाते थे, कबूतर, के द्वारा और डाक- तार ,उसके बाद लाउडस्पीकर, पर आज सब माध्यम बदल गया आधुनिक युग में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम सब की पहली पसंद हो गई है! जैसे फेसबुक ,व्हाट्सएप ,हाइक इंस्टाग्राम, लेकिन अब संचार के बदले परिवेश में भी यह सब आप पर निर्भर करता है! कि आप कौन -कौन सही या गलत संचार का उपयोग करते हैं आज के इस युग में विज्ञापन संचार को ही हम लेते हैं! आप एक चीज को बार बार लगभग 100 बार से अधिक देखते हैं !तो आप उस चीज पर यकीन करने लगते हैं !हाल की घटना है जब हम जियो भारत में लॉन्च हुआ तो उस समय एक कंपनी जो कि एयरटेल ने ज्ञापन दिया कि भारत का सबसे तेज नेटवर्क है लोगों समझते  है, इंटरनेट से लेकिन उसके बाद यह विवाद बढ़ गया और अंत में वह विज्ञापन एयरटेल को हटाना पड़ा आप जानते हैं!आप आज भी बहुत से विज्ञापनों को देखते हैं !कि वह आप को किस प्रकार प्रभावित करता है हमारी धारणा है! कि अगर बार-बार गलत को भी देखते हैं! तो यकीन कर देने लगते हैं! कोई-कोई को हमारी सोच समाज के साथ-साथ हमारे परिवेश से जुड़ाव रखता है आज जो भी विज्ञापन कंपनी बनाती है !उसे हम देखते हैं! वह एक प्रकार की चीजों को या वस्तुओं को बार बार चढ़ा बढ़ाकर प्रस्तुत करता है! और एक साधारण वर्ग ही नहीं पूरा समाज भी प्रभावित होता है! इसीलिए अपने विवेक  को देखकर ही सामान्य सूचना को प्रयोग में लाएं अगर नहीं ,तो आप भी इस विज्ञापन के चक्कर में फंस जाएंगे! तो आप अपने ने  दोस्त, शिक्षक, या बड़े बुजुर्गों, से पूछे इसके बाद ही आप विश्वास करें?