बाल्यावस्था यह अवस्था 5-12 वर्ष की अवधि मानी जाती है बालक की इस अवस्था जटिल अवस्था मानी जाती है मनोविज्ञान ने इस अवस्था को जीवन का अनोखा काल भी कहा है!, इसमें सामाजिकता का अधिकतम विकास हो जाता है!, बालक में नैतिकता भी विकसित हो जाती है जिससे वह उचित और अनुचित का निर्णय कर सकता तथा बालक आप निर्भर होने के साथ-साथ परिपक्व भी होने लगता है इस अवस्था में मित्र बनाने की प्रबल इच्छा उनमें जागृत हो जाती है बालक जीवन की वास्तविकता को पढ़कर उसकी समझ भी विकसित कर ने लगता है!, इस अवस्था की सबसे बड़ी विशेषता संग्रह- प्रवृत्ति का विकास अर्थ पूर्ण कथा अर्थहीन दोनों प्रकार की चीजों का संग्रह करता है बाल्यावस्था में समूह के प्रति बड़ी ही आस्था होती है इसमें आपस में सहयोग प्रेम ,सहानुभूति ,की भावना विकसित होती है बाल्यावस्था में अनेक रुचियां विकसित होती है
New education point.